रुबीना दिलैक, जो कलर्स के ‘लॉफ्टर शेफ्स अनिलिमिटेड एंटरटेमेंट’ में नजर आ रही हैं, ने कहा, “मैं एक ऐसे घर में पली-बढ़ी हूं जहां महिलाओं की चलती हैं और पुरुष हमारी सफलता देखकर गर्व महसूस करते हैं। मेरी दादी हमारे परिवार की रीढ़ हैं, और हमारी पीढ़ी की हर महिला—चाहे वह मेरी मां हों, मेरी बुआएं हों, या अब मैं—हम सभी को केवल प्यार से ही नहीं, बल्कि सच्चे सम्मान के साथ रानी की तरह रखा गया है। हमारे जीवन के पुरुष—मेरे पति, मेरे पिता, मेरे ससुर—सिर्फ हमारी ताकत को स्वीकार ही नहीं करते, बल्कि उसे बढ़ावा भी देते हैं। ऐसा हर जगह होना चाहिए। ‘लॉफ्टर शेफ्स’ में हर सेलिब्रिटी मुझे बॉस लेडी के रूप में देखता है, और यही माहौल हर महिला को मिलना चाहिए। महिला दिवस सिर्फ एक दिन मनाने का नहीं, बल्कि सोच बदलने और सम्मान व सशक्तिकरण को रोजमर्रा की वास्तविकता बनाने का अवसर है। हर महिला के लिए मेरा संदेश यही है—दुनिया के आपको पहचानने का इंतजार मत कीजिए, खुद अपनी पहचान बनाइए और एक-दूसरे को ऊपर उठाइए।”
दीपिका सिंह, जो कलर्स के ‘मंगल लक्ष्मी’ में मंगल की भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “अक्सर महिलाओं से कहा जाता है कि उनके सपनों की समय सीमा होती है, कि उनकी महत्वाकांक्षाएं सीमित होनी चाहिए और वे समाज द्वारा तय भूमिकाओं में ही फिट बैठें। कई महिलाएं अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं, लेकिन असफलता का डर और घर की जिम्मेदारियां उन्हें रोक देती हैं। लेकिन मंगल की कहानी कुछ और ही दिखाती है। 36 साल की उम्र में, एक मां, एक पत्नी और अब एक उद्यमी होने के बावजूद, वह उस दुनिया में कदम रखती है जो उसके लिए नहीं बनी थी—और पीछे हटने से इंकार कर देती है।शो का ‘एक ट्राय तो बनता है’ एंथम हर उस महिला को समर्पित है जिसने कभी अपने सपनों को लेकर संदेह किया हो। पहला कदम उठाना आसान नहीं होता—यह वर्षों की धारणाओं को तोड़ना, आत्म-संदेह को पीछे छोड़ना और उन आवाजों को शांत करना होता है जो कहती हैं कि ‘यह तुम्हारे लिए नहीं है’। लेकिन सच यह है कि जब एक महिला सपने देखने की हिम्मत करती है, तो वह अकेली नहीं होती—वह अनगिनत अन्य महिलाओं की उम्मीदों को साथ लेकर चलती है। अपने अंदर की शक्ति को कम मत समझिए, आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़िए, और अपने सपनों को हकीकत में बदलिए। सिर्फ़ सपने देखना ही काफी नहीं है — आपको कुछ करने की ज़रूरत है और खुद पर भरोसा करना होगा। पहला कदम बड़ा लग सकता है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए बस इतना ही काफी है। जब हम खुद पर भरोसा करते हैं और एक कदम आगे बढ़ाते हैं, तो हर तरह की बाधाएँ दूर हो जाती हैं। हम एक साथ कई काम कर सकते हैं और मंगल की तरह का सपोर्ट सिस्टम होना एक वरदान है, जो हमारी सास के रूप में है, जो हमें बहुत सपोर्ट करती हैं। एक बार जब आप विश्वास की छलांग लगाने का फैसला करते हैं, तो चीजें उस तरह से काम करना शुरू कर देती हैं, जिसकी आपने उम्मीद नहीं की थी। वित्तीय स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी बढ़कर, जब आप अपने लिए कुछ करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाता है। याद रखें, आप जितना सोचते हैं, उससे कहीं ज़्यादा करने में सक्षम हैं। इसलिए ज़्यादा न सोचें, बस शुरू करें और चलते रहें। सभी बेहतरीन महिलाओं को – महिला दिवस की शुभकामनाएँ! चमकते रहें, विश्वास करते रहें और उस जीवन की ओर बढ़ते रहें, जिसकी आप हकदार हैं। इस महिला दिवस पर, आइए उस जगह को हासिल करें जो हमेशा से हमारी रही है। जब हममें से कोई ऊपर उठता है, तो हम सभी ऊपर उठते हैं।”
प्रियांशी यादव, जो कलर्स के ‘डोरी’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “मैं उन सभी लोगों की आभारी हूं जिन्होंने महिलाओं की स्थिति बदलने के लिए साहसिक कदम उठाए। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे भी ‘डोरी’ जैसे किरदार के माध्यम से कुछ ऐसा करने का मौका मिला। यह जानकर खुशी होती है कि कई महिलाएं ‘डोरी’ को प्रेरणा के रूप में देखती हैं। यह न सिर्फ दिल को छूने वाला है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भी है। जब कोई किरदार स्क्रीन पर सीमाओं को तोड़ता है, तो वह वास्तविक जीवन में भी आशा और साहस की लौ जलाता है।
मैं प्रार्थना करती हूं कि हर महिला अपने सपनों को बिना किसी डर के, बिना किसी पछतावे के, और अपनी शर्तों पर जिए। हैप्पी वुमेंस डे!”
आयशा सिंह, जो कलर्स के ‘मन्नत हर खुशी पाने की’ में मन्नत की भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “हर महिला के पास सपनों, बलिदानों और संघर्षों की एक कहानी होती है। मेरे लिए महिला दिवस उन चुनौतियों को पहचानने और हर उस जीत का जश्न मनाने का दिन है, चाहे वह छोटी हो या बड़ी। मन्नत हर खुशी पाने की में मेरे किरदार मन्नत की कहानी कई महिलाओं की तरह ही है—वह उम्मीदों, जिम्मेदारियों और अपनी खुद की आकांक्षाओं के बीच फंसी हुई है। उसकी कहानी इतनी वास्तविक और प्रभावशाली इसलिए है क्योंकि उसकी चुनौतियां केवल बाहरी दुनिया से ही नहीं, बल्कि उसकी अपनी मां से भी आती हैं। मेरा सभी परिवारों से निवेदन है कि वे अपने जीवन की महिलाओं की ताकत को पहचानें और उनके सपनों पर विश्वास करें। हम सभी के पास चमकने की जगह है—एक-दूसरे के खिलाफ नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ।”
नेहा राणा, जो कलर्स के ‘मेघा बरसेंगे’ में मेघा की भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “एक महिला जो अपनी काबिलियत को जानती है, उसे कोई नहीं रोक सकता। फिर भी, हर दिन कई महिलाओं को खुद पर संदेह करने के लिए मजबूर किया जाता है। ‘मेघा बरसेंगे’ में मेरा किरदार मेघा बहुत दर्द, विश्वासघात और आत्म-संदेह से गुज़री है—लेकिन वह उठ खड़ी हुई, अपनी ताकत को फिर से पाया, और यह साबित किया कि कोई भी तूफान हमेशा के लिए नहीं रहता। इस शो में हमने कई गंभीर मुद्दों को उठाया है—जैसे दुल्हन को छोड़ देना, घरेलू हिंसा, और समाज की दकियानूसी सोच। ये केवल कहानियां नहीं हैं, बल्कि वास्तविक जीवन की समस्याएं हैं। इस वजह से महिला दिवस सिर्फ जश्न मनाने का दिन नहीं, बल्कि बदलाव लाने का दिन भी है। मेरी हर महिला से अपील है—अपनी आवाज़ उठाइए, अपने लिए खड़ी होइए, और दुनिया को वह बदलाव दिखाइए जिसकी जरूरत है।”
खुशबू राजेंद्र, जो कलर्स के ‘राम भवन’ में ईशा की भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “मुझे खुशी है कि मुझे ‘राम भवन’ के जरिए एक प्रेरणादायक किरदार निभाने का मौका मिला। ईशा अपनी राह खुद बना रही है, अपनी स्वतंत्रता को अपना रही है, और यह साबित कर रही है कि एक महिला को अपने भविष्य के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। मैं भी इस बात पर विश्वास करती हूं—हर महिला को अपने सपनों को पूरा करने की आज़ादी, अपने फैसले खुद लेने की शक्ति और अपनी किस्मत खुद लिखने का हक होना चाहिए। लेकिन सच कहूं तो यह सफर आसान नहीं होता। सामाजिक दबाव, आत्म-संदेह और अनिश्चितता का डर हर कदम पर रहता है। इस महिला दिवस पर मैं हर महिला से कहना चाहती हूं—चाहे आप एक नई शुरुआत कर रही हों, सीमाएं तोड़ रही हों, या बस अपनी जगह बना रही हों—खुद पर विश्वास रखिए। आपके सपने मायने रखते हैं और आपके पास वो ताकत है जिससे आप अपनी जिंदगी को अपने अनुसार बना सकती हैं। इसलिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़िए, क्योंकि आप हर उस चीज़ की हकदार हैं जिसके लिए आप मेहनत कर रही हैं। हैप्पी वुमेंस डे!”
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