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मुंबई (दानिश खान)पुराने घिसे-पिटे स्टीरियोटाइप्स को अलविदा कहने का समय आ गया है, क्योंकि कलर्स का शो ‘मेरी भव्य लाइफ’ हर नियम तोड़ रहा है! यह कहानी किसी गोल-मटोल लड़की की नहीं है जो अपने मेकओवर या किसी राजकुमार का इंतज़ार कर रही हो। इसके बजाय हमें मिलती है भव्या – एक साहसी, आत्मविश्वासी, प्लस-साइज़ आर्किटेक्ट जो जानती है कि उसे बदलने की ज़रूरत नहीं है – बल्कि बदलाव की ज़रूरत इस दुनिया की छोटी सोच को है। और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस किरदार के ज़रिये अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली प्रिशा धतवालिया ने सबका दिल जीत लिया है! भव्या के रूप में प्रिशा का यह सफर दर्शकों के दिलों को छू रहा है। युवा लड़कियां, कामकाजी महिलाएं और मांएँ एक स्वर में कह रही हैं, “आखिरकार हमें स्क्रीन पर खुद को देखने को मिला!” प्रिशा खुद बताती हैं कि उन्हें अपने अभिनय के लिए मिल रही ज़बरदस्त सराहना ने कितना आभार और उत्साहित महसूस करवाया है।

 

इस शो के बारे में बताइए और आपने इसे हां कहने का फैसला क्यों किया।

‘मेरी भव्य लाइफ’ एक निडर, प्लस-साइज़ आर्किटेक्ट भव्या की कहानी है, जो जानती है कि उसे इस समाज के सांचे में ढलने के लिए अपने वजन को कम करने की ज़रूरत नहीं है। लोगों को उनके शरीर, रंग और आकार से परखने में जल्दबाज़ी करने वाले समाज में, भव्या आत्मविश्वास के साथ खड़ी होती है। वह बड़े सपने देखती है, न कि छोटे साइज़ की ड्रेस। उसे किसी की मंज़ूरी नहीं, बस स्वीकार्यता चाहिए; ऐसा जीवनसाथी चाहिए जो उसे समझे और सराहे, न कि बदलने की कोशिश करे। फिर उसकी मुलाकात रिशांक से होती है, एक फिटनेस फ्रीक इंसान, जो अपने पिता की उम्मीदों और अपनी गहरी धारणाओं से बंधा है। उनके मिलने से न केवल दो व्यक्तित्व बल्कि दो विचारधाराओं में टकराव होता है। जब रिशांक भव्या की काबिलियत पर सवाल उठाता है, तो भव्या डटकर उसका सामना करती है – अडिग, भीतर से मजबूत, और खुद अपनी सबसे बड़ी सपोर्टर। मुझे ये किरदार इसलिए आकर्षक लगा क्योंकि भव्या जैसी है, वैसी ही खुद को दुनिया के सामने रखने से नहीं डरती। अपने करियर की शुरुआत में ऐसा दमदार और बेबाक किरदार निभाना मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक और सशक्त अनुभव रहा।

 

आपके अनुसार, आपके किरदार ‘भव्या’ को लोगों ने इतना पसंद क्यों किया?

मुझे लगता है कि जो बात लोगों को, खासकर महिलाओं को, सबसे ज़्यादा पसंद आई है, वो ये है कि उन्हें भव्या में अपनी झलक दिखाई देती है। भव्या एक गोल्ड मेडलिस्ट आर्किटेक्ट है, अपनी खुद की फर्म चलाती है, और अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से किसी भी माहौल में टेंशन को हल्का कर देती है। वह उन सभी महिलाओं की प्रतिनिधि है, जिन्होंने सुंदरता को लेकर समाज की छोटी सोच के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उसे हमेशा ये संकेत दिया गया है कि उसकी काबिलियत उसके लुक्स से जुड़ी है, इसके बावजूद, भव्या पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़ी रहती है, झुकती नहीं, और उसे यह ताकत अपने भीतर से मिलती है। दर्शकों को भव्या इसलिए पसंद आई क्योंकि उसे आत्मविश्वास या महत्वपूर्ण महसूस करने के लिए किसी और की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं है। वह ऐसा किरदार है जो यह संदेश देता है कि असली सुंदरता इसमें है कि आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को अपनाएं। बदलने की ज़रूरत इंसान को नहीं, बल्कि दुनिया की सोच को है।

 

शो की थीम — बॉडी पॉज़िटिविटी को सोनाक्षी सिन्हा, अंशुला कपूर और किकू शारदा जैसे सेलेब्रिटीज़ से समर्थन मिलने पर आपके क्या विचार हैं?

प्लस-साइज़ होने की हकीकत को जीने वाले व्यक्तियों के रूप में, उस दुनिया में जहां आपकी अहमियत को इंच और किलो में तौला जाता है, सोनाक्षी सिन्हा, अंशुला कपूर और किकू शारदा का ‘मेरी भव्य लाइफ’ के साथ बॉडी पॉज़िटिविटी को सपोर्ट करना बेहद भावुक और हिम्मत देने वाला अनुभव था। इन तीनों ने अपने-अपने तरीकों से पब्लिक जजमेंट का सामना किया है, और फिर भी उन्होंने अपनी कहानी को ईमानदारी और गरिमा के साथ अपनाया है। प्रतिभाशाली होने के बावजूद, सोनाक्षी को बार-बार उनकी बॉडी के लिए जज किया गया, फिर भी उन्होंने कभी अपनी चमक को फीका नहीं होने दिया। अंशुला की ईमानदारी और आत्म-मूल्य को लेकर स्पष्टता बेहद प्रेरणादायक है। और किकू शारदा को सुनना, जब वो बताते हैं कि कैसे वो ट्रोल्स को इग्नोर करते हैं — वो वाकई लाजवाब था। जब ऐसे लोग अपनी बात रखते हैं, तो वो उन तमाम लोगों का भी साथ देते हैं जो खुद अपने लिए बोल नहीं पाए।

 

अपने टेलीविज़न डेब्यू को इतनी तारीफ मिलते देख आपको कैसा लग रहा है?

‘मेरी भव्य लाइफ’ से अपने टेलीविज़न करियर की शुरुआत को इतना प्यार और तारीफ मिलते देखकर ऐसा लगता है जैसे कि कोई सपना सच हो गया हो, ऐसा सपना जिसे मैंने पूरी तरह से कभी सोचने की भी हिम्मत नहीं की थी। यह ज़ोर देता है कि हमें देखा जाए, हकीकत में और प्रामाणिक रूप से समझा जाए, खासतौर पर उन लड़कियों के लिए जो मेरी तरह हैं, और जिन्होंने कभी खुद को टीवी पर मुख्य किरदार के रूप में नहीं देखा। जब मैं बड़ी हो रही थी, तब मैंने हमेशा टीवी शो पर ऐसे किरदार देखे जो या तो मज़ाक का हिस्सा होते थे, या फ्रेंडज़ोन की गई बेस्ट फ्रेंड, या फिर बस मुख्य किरदार के पीछे खड़े होते थे। ‘मेरी भव्य लाइफ’ ने इस सोच को पलट कर रख दिया। मुझे जो संदेश मिल रहे हैं, युवतियों से, कामकाजी महिलाओं से, यहां तक कि मांओं से, वो मुझे निशब्द कर देते हैं। वे कहती हैं, “आखिरकार हमें स्क्रीन पर खुद को देखने को मिला है।” और सच कहूं तो, इससे बेहतर तारीफ मेरे लिए कुछ हो ही नहीं सकती। अगर मेरे सफर की शुरुआत ऐसी है, तो मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूं कि हम सब इस राह पर आगे कहां तक जाएंगे।

‘मेरी भव्य लाइफ’ देखिए, हर दिन शाम 7:00 बजे कलर्स पर।

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