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Wed. Mar 19th, 2025
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मौजूदा रेंट एग्रीमेंट एक्ट में प्रावधान

  • 1 साल के रेंट एग्रीमेंट पर किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
  • 5 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 3 वर्ष के किराये का 2 फीसदी शुल्क
  • 10 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 4 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
  • 20 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 5 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
  • 30 साल के रेंट एग्रीमेंट पर 6 वर्ष के किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
  • 30 साल से ऊपर रेंट एग्रीमेंट पर बैनामे की तरह 7 फीसदी स्टाम्प शुल्क

कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेंट एग्रीमेंट नियम

  • एक साल तक के एग्रीमेंट पर किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
  • दो लाख रुपये तक के किराये पर केवल 500 रुपये स्टाम्प शुल्क
  • पांच लाख रुपये तक के किराये पर महज 5000 रुपये स्टाम्प शुल्क
  • एक करोड़ या इससे ज्यादा के किराये पर केवल 20000 रुपये स्टाम्प शुल्क
  •  संपत्ति की सुरक्षा के लिए रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए स्टाम्प शुल्क बेहद कम रखा जाएगा। एक वर्ष से ज्यादा के रेंट एग्रीमेंट पर न्यूनतम स्टाम्प शुल्क 500 रुपये से अधिकतम 20 हजार रुपये तक होगा। इसी के साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में लिखी शर्तें ही कानूनी रूप से मान्य होंगी, जिन पर कोर्ट में दावा किया जा सकेगा। इससे जुड़ा प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि इससे मकान मालिक और किरायेदारी से जुड़े विवादों में भी कमी आएगी। वर्तमान में किराये और अवधि के हिसाब से स्टाम्प शुल्क तय होता है।

    किरायेनामे को पंजीकृत कराने से मकान मालिक और किरायेदार दोनों का हित सुरक्षित रहेगा। पंजीकरण कराने के बाद एग्रीमेंट में लिखी शर्तों की ही कानूनी मान्यता होगी। 
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