यूपी के बिजनौर से यह दर्दनाक खबर सामने आई है. जो अस्पताल में बदहाल व्यवस्था को भी पूरी तरह से उजागर करती है.
जानकारी के मुताबिक़ सुबह दस बजे 26 वर्षीय सरफराज अपने पैरों पर चलकर आया। डायलिसिस शुरू हुई लेकिन बीच में बिजली चली गई। आधा ब्लड मशीन में ही था, जो उसे चढ़ना था। सरफराज की मां सलमा स्टाफ के सामने मिन्नतें करती रही, बेटे को बेचैनी हो रही है। वह मर जाएगा… जेनरेटर चला दो, पर स्टाफ ने डीजल न होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए और युवक ने दम तोड़ दिया।सलमा रोती रही-बिलखती रही। सामने हुई मौत के बाद सीडीओ पूर्ण बोरा भी स्तब्ध रह गए। उन्होंने प्राचार्या उर्मिला कार्या और सीएमएस से कहा कि यह मौत नहीं, खराब व्यवस्था ने जान ली है। सलमा ने रोते-रोते अपने घर वालों को फोन किया और बेटे की मौत की खबर दी।
उसने कहा कि बेटा ठीक था और खुद चलकर आया था। एक साल से बीमार था। करीब पांच बार डायलिसिस हो चुकी थी। जब डायलिसिस शुरू हुई तो दो बार बिजली गई। तीसरी बार आधे घंटे से ज्यादा बिजली गायब रही। सरफराज का ब्लड फिल्टर हो चुका था और उसे चढ़ाया जा रहा था। बिजली न होने से मशीन बंद थी। इसी दौरान सरफराज ने दम तोड़ दिया।