पूर्व राष्ट्रपति की अगुआई वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश की 62 राजनीतिक पार्टियां से संपर्क किया था, जिसमें से उन्हें 32 पार्टियों का समर्थन मिला था. इसमें 15 पार्टियों ने वन नेशनल वन इलेक्शन का समर्थन नहीं किया तो वहीं 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया.पीएम मोदी कई मौकों पर एक देश एक चुनाव का समर्थन कर चुके हैं. पीएम ने कहा था, देश में सिर्फ तीन या चार महीने ही चुनाव होने चाहिए. पूरे साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. एक साथ चुनाव कराने से देश का संशाधन बचेगा.” वहीं पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भी कहा था, ‘‘देश को एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए आगे आना होगा.वन नेशन वन इलेक्शन के बिल के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे संसद से पास कराएगी, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा.