सहारनपुर(हिन्द समर्थन ब्यूरो ) ईद उल अज़हा पर उलेमा ने मुसलमानों से सादगी और आपसी भाईचारे के साथ पर्व मनाने की अपील की है और कहा है कि दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं का भी पूरा ख्याल रखा जाए.
जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन इमाम मौलाना क़ारी इसहाक गोरा ने बक़रीद के मौक़े पर तमाम मुसलमानों से अपील की है कि वे क़ुर्बानी के दौरान साफ़-सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखें। क़ारी गोरा ने कहा, “बक़रीद पर क़ुर्बानी करना यक़ीनन हमारी इबादत का हिस्सा है, लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि साफ़-सफ़ाई भी हमारे ईमान का एक अहम हिस्सा है।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि क़ुर्बानी खुले में ना की जाए, बल्कि तयशुदा और सुरक्षित जगह पर ही की जाए। मौलाना गोरा ने कहा, “क़ुर्बानी की जगह का चुनाव इस तरह करें कि उससे किसी को भी परेशानी ना हो और आस-पास के लोग परेशान ना हों।”
क़ुर्बानी के बाद जानवर के फुज़ला (अवशेष) को सही तरीके से निपटाना बेहद ज़रूरी है। मौलाना गोरा ने कहा, “क़ुर्बानी के बाद जानवर के फुज़ला को इधर-उधर ना फेंके। उसे फ़ौरन शासन द्वारा मुहैया कराये गये स्थानों पर ही डालें ताकि शहर की साफ़-सफ़ाई बनी रहे और किसी भी तरह की बीमारी का ख़तरा ना हो।”
उन्होंने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि बक़रीद के इस मुबारक मौक़े पर साफ़-सफ़ाई के तमाम उसूलों का पालन करें ताकि हमारे शहर और मुहल्ले साफ़-सुथरे बने रहें। मौलाना गोरा ने कहा, “हमारे प्यारे नबी (स.अ.व.) ने भी साफ़-सफ़ाई पर बहुत ज़ोर दिया है। इसलिए, हमें चाहिए कि हम अपने आस-पास के माहौल को पाक-साफ़ रखें।”
क़ारी इसहाक गोरा ने अपने बयान में तमाम मुसलमानों से दरख़्वास्त की कि वे बक़रीद के इस ख़ास मौक़े पर भाईचारे और साफ़-सफ़ाई के पैग़ाम को आगे बढ़ाएँ। उन्होंने कहा, “हमारा मज़हब हमें भाईचारे और अमन का दर्स देता है, और इसके साथ ही हमें अपने आस-पास के माहौल को भी साफ़-सुथरा रखना चाहिए।”
अंत में, मौलाना गोरा ने सबको ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा, “अल्लाह ताला हमें इस ईद पर खुशियां और बरकतें अता फ़रमाए। आइए हम सब मिलकर इस बक़रीद को ख़ुशियों और साफ़-सफ़ाई के साथ मनाएँ।”