उत्तर प्रदेश के देवबंद में ऑल इंडिया मुशायरे में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश किया देर रात तक चले मुशायरा में काफी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही।श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी मेले में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में बृहस्पतिवार की रात्रि ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें देश के नामचीन शायरों ने कलाम पेश कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही बटोरी। प्रसिद्ध शायर महशर आफरीदी ने सुनाया..जमीं पर घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं, हमारी खुशनसीबी है कि हम भारत में रहते हैं।
प्रसिद्ध शायरा शाइस्ता सना ने पढ़ा..किसी को गम ने किसी को खुशी ने मार दिया, जो बच गए तो उन्हें जिंदगी ने मार दिया। निकहत अमरोहवी ने कुछ यूं कहा..आसमां छू कर भी ऊंचा नहीं होता वो शख्स, हम जिसे अपनी निगाहों से गिरा देते हैं। कुणाल दानिश ने अपने जज्बात इस तरह बयां किए..नन्हें परों की जान के पीछे पड़े रहे, बचपन से हम उड़ाने के पीछे पड़े रहे, इतनी बड़ी जमीन अता की गई हमें, फिर भी हम आसमान के पीछे पड़े रहे। मशहूर शायर अलमतश अब्बास ने पढ़ा..किसी ने मुझसे जो पूछा तुम्हारी जात है क्या, कलम उठाया और इंसान लिख दिया मैंने। हाशिम फिरोजाबादी ने कहा..आसमां छोड़ों जमीं का नहीं छोड़ा तुमने, ऐसा छोड़ा की कहीं का नहीं छोड़ा तुमने। दानिश गजल मेरठी ने कहा..मुझे पैरों की जूती कहने वाले, मेरे अजदाद की दस्तार हूं मैं।