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मुंबई:कौमी उर्दू किताब मेले का उदघाटन अंजुमन इस्लाम के प्रेसीडेन्ट डॉ. ज़हीर काज़ी ने किया। इसे बेहद यादगार और सफल बनाने के लिए मुंबई के महत्वपूर्ण संगठन और व्यक्ति शामिल हैं।

यहाँ जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक से पब्लिशर और प्रकाशक अपनी किताबें लेकर आए हैं. इनमें ज्यादातर तो उर्दू की ही किताबें हैं लेकिन अंग्रेजी और हिंदी के शौकीन लोग भी यहां किताबें देख सकते हैं और खरीद भी सकते हैं . यहां लगभग 200 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं.

यह उर्दू किताब मेला बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स के आर-2 मैदान में कैनरा बैंक के सामने का एक बड़े इलाके में लगाया गया है. यहाँ आने वालों को कन्फ्यूजन और मुश्किलें भी पेश आ रही हैं. क्योंकि बांद्रा कुर्ला कांपलेक्स में पहले ही एक मशहूर ग्राउंड है जहाँ बड़ी बड़ी नुमाइश लगती रहती हैं। सही जगह के कन्फ्यूजन में कई ख्वातीन हजरात यहाँ परेशान नज़र आईं. यह मैदान बांद्रा और कुर्ला स्टेशन से थोड़ा दूर है. और इन स्टेशनों से रिक्शा, बेस्ट बसों या दूसरे साधनों से पहुंचा जा सकता है.

यहां शामिल स्टाल्स में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश दिल्ली समेत कई प्रदेशों की उर्दू अकादमी के स्टॉल भी शामिल हैं। यह अब तक का 26 वां उर्दू किताब मेला दिल्ली की तंजीम उर्दू कौमी काउंसिल बराय फरोग़ उर्दू ज़ुबान और अंजुमन इस्लाम मुंबई के जरिए आयोजित किया गया है. शुरुआत से ही गुलबूटे के जरिये स्कूल और मदरसों के बच्चों को शामिल करके इस प्रोग्राम को रंगारंग बनाया गया. यकीनन यहां स्कूली बच्चों के पढ़ने की किताबें भी बहुत बड़े पैमाने पर उर्दू इंग्लिश में देखी जा सकती हैं. दीनियात और इस्लाम को लेकर तैयार किए गए सिलेबस भी यहां मौजूद हैं.

यहां पर इंडियन सेंटर फॉर इस्लामिक फाइनेंस नई दिल्ली के जरिए इस्लामी अर्थशास्त्र और बिजनेस से रिलेटेड किताबों का स्टॉल लगाया गया है यहां मौजूद रिप्रेजेंटेटिव ने बताया कि हम पूरे मुल्क में इस्लामी बिजनेस और बैंकिंग सिस्टम को डेवलप करने के लिए काम कर रहे हैं. इसी स्टाल में रिफा चैंबर आफ कमर्स एंड इंडस्ट्री के के प्रमोटर भी मौजूद थे. उर्दू अखबार हिंदुस्तान के संपादक सरफराज़ आरज़ू,वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी रईस खान. पत्रकार निहाल सगीर और प्रोफेसर शाहिद इरफान ने भी शिरकत की।

रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी बहुत ही पुरानी किताबें और पांडुलिपियों की जानकारी के साथ अपनी किताबें यहां पर मुहैया करा रही है. इसके अलावा यहां हर दिन शेरो शायरी , गजल , उर्दू पत्रकारिता को लेकर कार्यक्रम मैनेज किए जाएंगे. इसके लिए बाकायदा स्टेज और बैठक तैयार की गई है. छह दिसम्बर से शुरू यह मेला और यहाँ के एकेडमिक प्रोग्राम 16 जनवरी तक चलेंगे. इस बीच उर्दू दां और उर्दू किताबों के शौकीन लोग यहाँ शिरकत कर सकते हैं.
(वरिष्ठ पत्रकार रईस खान)

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