मुंबई :‘विकी डोनर’, ‘पीकू’, ‘लव हॉस्टल’, ‘वॉर’, ‘ट्रायल पीरियड’, ‘एम आई नेक्स्ट’, ‘एलएसडी2’ और वेब सीरीज़ ‘स्कूप’, ‘टूथ परी’ जैसी चर्चित फिल्मों और प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रह चुकीं अभिनेत्री स्वरूपा घोष अब सनी देओल की फिल्म ‘जाट’ में एक अहम किरदार निभाते नजर आएंगी। इस फिल्म में उन्होंने रणतुंगा और सोमुलु की मां का किरदार निभाया है, जो एक बेहद मजबूत और प्रभावशाली महिला है।
फिल्म से जुड़ने के अपने अनुभव को साझा करते हुए स्वरूपा कहती हैं,
“कहानी की रूपरेखा काफी दिलचस्प लगी। उन्होंने साफ कहा था कि यह पूरी तरह से कमर्शियल एक्शन थ्रिलर है। जिस तरह से उन्होंने कहानी को बताया, उसमें पर्याप्त ट्विस्ट्स और टर्न्स थे जो आम दर्शकों को पसंद आते हैं। कमर्शियल सिनेमा के लिए यह ज़रूरी भी होता है।”
वो आगे कहती हैं, “मेरे किरदार का बैकग्राउंड काफी दिलचस्प था, जो मुझे बहुत आकर्षित कर गया। शुरुआत में उसमें मानवीय भावनाएं भी थीं, लेकिन बाद में उसे पूरी तरह से क्रूर और चालाक बना दिया गया। उन्होंने जो रेफरेंस पिक्चर भेजी थी, उससे मुझे किरदार के साथ तुरंत एक कनेक्शन महसूस हुआ। मुझे लगा कि मैं इसे बखूबी निभा सकती हूं। इस किरदार में एक जानवर जैसी कच्ची-सी ऊर्जा है, जो शायद मेरे अंदर की जंगली प्रवृत्ति से मेल खा गई।”
स्वरूपा आगे बताती हैं, “एक्शन फिल्म में काम करना मेरे लिए नया अनुभव था—वो भी सनी देओल और रणदीप हुड्डा जैसे सितारों के साथ। और सबसे अच्छी बात ये रही कि मेकर्स ने मेरी फीस को लेकर कोई मोलभाव नहीं किया।”
फिल्म के निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी के बारे में बात करते हुए स्वरूपा कहती हैं, “मैं हमेशा ऐसे लोगों का सम्मान करती हूं जो अपनी शोहरत का दिखावा नहीं करते। गोपीचंद ऐसे ही इंसान हैं—ज़मीन से जुड़े, लेकिन उनके अंदर जबरदस्त क्रिएटिव एनर्जी है। उनकी आंखों में जो चमक और ह्यूमर है, वो उन्हें अलग बनाता है। उन्हें ये पसंद है कि कलाकार वही डिलिवर करे जो वो चाहते हैं। वो ज़्यादा बात नहीं करते, छोटे-छोटे निर्देश देते हैं—शायद भाषा की वजह से भी—but उनकी बातों में स्पष्टता होती है। उन्हें मेरी परफॉर्मेंस पसंद आती थी और शायद इसीलिए मेरा 8-9 दिनों का रोल बढ़कर 22 दिनों तक चला गया। वो अपने काम के लिए समर्पित हैं—मैंने उन्हें कभी सेट पर खाली नहीं देखा। वो हर सवाल ध्यान से सुनते हैं और कलाकार को एक्सप्लोर करने का पूरा मौका देते हैं। उनके साथ काम करके बहुत अच्छा लगा।”