दिल्ली:जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हार्दिक स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कानून और न्याय के शासन की जीत है और इसका स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में न्याय से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उम्मीद है कि यह फैसला भविष्य के लिए एक उदाहरण बनेगा कि सरकारों को न्याय प्रदान करने में निष्पक्ष एवं गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए और बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों की गंभीरता के प्रति उदासीन नहीं होना चाहिए।
मौलाना मदनी ने बताया कि बिलकीस बानो का मामला एक लंबे संघर्ष और बलिदानों से भरा हुआ है। जमीअत उलमा-ए-हिंद ने गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए जहां तीस से अधिक कॉलोनियों का निर्माण करवाया, वहीं बिलकीस बानो सहित कई मुकदमे लड़े।