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मुंबई :। शिंदे ने ठाणे में कहा कि फैसले से सच्चाई और लोकतंत्र की जीत तथा निरंकुशता, तानाशाही और वंशवाद की राजनीति की हार हुई है। पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि यह आदेश उन लोगों के चेहरे पर एक करारा तमाचा है जो पार्टी को ऐसे चलाते थे जैसे कि यह उनकी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा है कि जून 2022 में प्रतिद्वंद्वी समूहों के उभरने पर उनके नेतृत्व वाला शिवसेना गुट ही असली राजनीतिक दल था। शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के साथ 40 और उद्धव के साथ 16 विधायक हैं।महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के बाद विपक्ष की आलोचना पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी पलटवार किया है।

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